नव इतिहास रचाएंगे(श्याम सुन्दर श्रीवास्तव ‘कोमल)
हम बालक हैं वीर साहसी
आगे बढ़ते जाएने ,
सजग सोच और श्रम से अपने
नव इतिहास रचाएंगे।
धुन के पक्के, मन के सच्चे,
माँ हम छोटे-छोटे बच्चे,
विद्या, बुद्धि, पराक्रम दे दो
करें काम हम अच्छे-अच्छे।
जो निर्धन है, जो निर्बल हैं
इस समाज में जो दुर्बल हैं,
जो शोषित या पीड़ित हैं
सदा चाहते जो संबल हैं,
उनके सबल सहारे बनकर
अपने गले लगाएंगे।
अपनी धरती, आली धरती,
खनिज संपदा वाली धरती,
भिन्न-भिन्न धर्मों वाली धरती।
पावन धरती अपनी माता
यश, वैभव, सुख, बल की दाता,
माँ से प्रगति प्रेरणा लेकर
सतत बाल दल बढ़ता जाता,
भारत माँ की गौरव गाथा
ऊँचे स्वर में गाएंगे,
नव इतिहास रचाएंगे।
– शयाम सुन्दर श्रीवास्तव ‘कोमल ‘